परिचय – शिशु विकास विद्यालय
शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है। खासकर ग्रामीण भारत में विद्यालय बच्चों के सपनों को दिशा देने का काम करते हैं। बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर जिले के पारू प्रखंड में स्थित शिशु विकास विद्यालय एक ऐसा ही प्रतिष्ठित संस्थान है। यह केवल एक स्कूल नहीं बल्कि एक “ज्ञान मंदिर” है, जहाँ बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और नैतिक मूल्य भी दिए जाते हैं।
Shishu Vikas Vidyalaya, Paroo जिसका शार्ट फॉर्म SVV Paroo है | यह विद्यालय प्राथमिक से मध्य विद्यालय तक की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।1997 से यह विद्यालय लगातार बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रहा है। यहाँ केवल किताबों तक सीमित शिक्षा नहीं दी जाती, बल्कि बच्चों को खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों और जीवन मूल्यों से भी जोड़ा जाता है। यही कारण है कि आज पारू क्षेत्र में शिक्षा की बात आते ही सबसे पहले इस विद्यालय का नाम लिया जाता है।
विद्यालय का इतिहास और स्थापना
शिशु विकास विद्यालय की स्थापना 1997 में हुई थी। उस समय क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी थी। बच्चों को अच्छी पढ़ाई के लिए शहर या दूरदराज़ के स्कूलों में भेजना पड़ता था। इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से इस विद्यालय की नींव रखी गई।
संस्थापकों का सपना था कि गाँव और कस्बों के बच्चों को भी वैसी ही शिक्षा मिले जैसी बड़े शहरों में बच्चों को दी जाती है। शिक्षा केवल किताबें पढ़ने तक सीमित न रहे, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और संस्कार भी विकसित हों।
आज यह विद्यालय उसी सपने को साकार कर रहा है और हजारों बच्चों के जीवन को दिशा दे चुका है।
शिशु विकास विद्यालय, पारू – जहां शिक्षा और संस्कार का मिलन होता है, और बच्चों के सपनों को पंख मिलते हैं।
प्रबंधन और नेतृत्व
विद्यालय के Head Master – श्री रंजीत कुमार हैं। उनका नेतृत्व और दूरदर्शिता विद्यालय की सबसे बड़ी ताकत है। वे न केवल प्रशासनिक कार्यों पर ध्यान देते हैं, बल्कि व्यक्तिगत रूप से बच्चों की प्रगति पर भी नज़र रखते हैं।
शिक्षक और स्टाफ़ मिलकर विद्यालय को शिक्षा और अनुशासन का आदर्श केंद्र बनाते हैं। यहाँ के शिक्षक केवल पढ़ाने का कार्य नहीं करते, बल्कि बच्चों के मार्गदर्शक और मित्र भी बनते हैं। किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए विद्यालय का फ़ोन नंबर है – 099348 33267।
अवसंरचना और सुविधाएँ
विद्यालय का ढांचा बच्चों की सुविधा और शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
- साफ़-सुथरी और हवादार कक्षाएँ
- आरामदायक बैठने की व्यवस्था
- अनुशासित वातावरण
- पुस्तकालय और अध्ययन सामग्री
इसके अलावा, खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी पर्याप्त जगह उपलब्ध है। विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेलों को विशेष महत्व दिया जाता है।
79वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह
हाल ही में विद्यालय में 79वाँ स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) बड़े धूमधाम से मनाया गया। बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए, नृत्य और नाटक प्रस्तुत किए। राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और पूरा परिसर देशभक्ति की भावना से गूंज उठा। इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि विद्यालय बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ देशप्रेम और संस्कार भी विकसित करता है।






शैक्षणिक उत्कृष्टता और पाठ्यक्रम
शिशु विकास विद्यालय पारू की सबसे बड़ी पहचान इसकी शैक्षणिक उत्कृष्टता है। यहाँ का पाठ्यक्रम इस तरह तैयार किया गया है कि बच्चों को केवल परीक्षा पास करने लायक शिक्षा न मिले, बल्कि वे जीवनभर उपयोगी ज्ञान हासिल करें।
विद्यालय में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेज़ी जैसे प्रमुख विषयों पर विशेष जोर दिया जाता है। यहाँ बच्चों को केवल रटने की प्रवृत्ति नहीं सिखाई जाती, बल्कि उन्हें विषयों की गहराई से समझ दी जाती है ताकि उनका बुनियादी ज्ञान मजबूत हो सके higher studies & Govt. competitive exams में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।।
अंग्रेज़ी भाषा पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। भाषण प्रतियोगिता, वाद-विवाद (debates) और लेखन प्रतियोगिताओं के ज़रिए बच्चों को fluency और communication skills विकसित करने का मौका दिया जाता है।
इसके साथ ही moral education भी पाठ्यक्रम का हिस्सा है। बच्चों को अनुशासन, सम्मान और सामाजिक ज़िम्मेदारियों की शिक्षा दी जाती है। इस तरह, विद्यालय यह सुनिश्चित करता है कि विद्यार्थी केवल academically successful न हों, बल्कि अच्छे इंसान भी बनें।
शिक्षक मंडल और शिक्षण पद्धति
किसी भी अच्छे विद्यालय की रीढ़ उसके शिक्षक होते हैं। शिशु विकास विद्यालय पारू के शिक्षक न केवल qualified हैं, बल्कि बच्चों को पढ़ाने में पूरी तरह समर्पित रहते हैं।
यहाँ की शिक्षण पद्धति पूरी तरह student-centric है। इसका मतलब है कि बच्चों को सिर्फ lectures सुनने तक सीमित नहीं रखा जाता, बल्कि उन्हें discussions, practical demonstrations और interactive activities में शामिल किया जाता है।
विद्यालय समय-समय पर अपने शिक्षकों के लिए training workshops आयोजित करता है ताकि वे नए teaching methods सीख सकें। माता-पिता भी बताते हैं कि यहाँ के शिक्षक बहुत approachable और सहयोगी हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि विद्यालय teacher-student ratio का ध्यान रखता है। इस वजह से हर बच्चे पर व्यक्तिगत ध्यान दिया जा सकता है। यही कारण है कि विद्यार्थी यहाँ हमेशा motivated और disciplined रहते हैं।
सांस्कृतिक गतिविधियाँ और अतिरिक्त पाठ्यक्रम
शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है। इसलिए विद्यालय बच्चों को extra-curricular activities में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। यहाँ खेलकूद, नृत्य, संगीत, नाटक और कला गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
हर साल विद्यालय में वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम (Annual Function) आयोजित होता है। इसमें विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। इस तरह की गतिविधियाँ बच्चों में confidence और creativity बढ़ाती हैं।
79वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह
हाल ही में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह ने इस विद्यालय की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत किया। बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए, नृत्य प्रस्तुत किए और skits के माध्यम से आज़ादी के महत्व को दर्शाया। यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों के लिए यादगार रहा, बल्कि माता-पिता और स्थानीय समाज के लिए भी गर्व का क्षण था।
इसके अलावा, Sports Day और विभिन्न competitions (debates, quizzes, drawing) भी विद्यालय जीवन को रोचक और संतुलित बनाते हैं।
सामुदायिक सहभागिता और सामाजिक पहल
शिशु विकास विद्यालय पारू केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं बल्कि पारू क्षेत्र का एक सामाजिक केंद्र भी है। विद्यालय समय-समय पर विभिन्न social initiatives जैसे – स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, स्वास्थ्य जाँच शिविर और जागरूकता रैलियाँ आयोजित करता है।
माता-पिता की भागीदारी को भी विद्यालय बेहद महत्व देता है। नियमित Parent-Teacher Meetings होती हैं, जिससे अभिभावक अपने बच्चों की प्रगति से अवगत रहते हैं और विद्यालय को feedback भी देते हैं।
विद्यालय बच्चों को पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सहयोग और सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करना सिखाता है। इस तरह विद्यार्थी न केवल अच्छे छात्र बल्कि अच्छे नागरिक भी बनते हैं।
उपलब्धियाँ और मान्यता
1997 से अब तक, शिशु विकास विद्यालय पारू ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
- यहाँ के विद्यार्थी हमेशा board exams में अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं।
- कई छात्रों ने competitive exams में सफलता हासिल की और आज डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं।
- विद्यालय के cultural events और sports achievements को स्थानीय स्तर पर सराहना मिली है।
विशेष रूप से, हाल ही में आयोजित 79वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह में बच्चों के cultural performances ने विद्यालय की साख को और बढ़ाया। यही कारण है कि पारू और आसपास के क्षेत्र में यह विद्यालय शिक्षा के लिए पहली पसंद बना हुआ है।
अनुशासन और मूल्य-आधारित शिक्षा
शिशु विकास विद्यालय पारू की सबसे बड़ी विशेषता है यहाँ का अनुशासन। विद्यालय का मानना है कि बिना अनुशासन शिक्षा अधूरी है। यहाँ बच्चों को समय का महत्व, नियमों का पालन और दूसरों का सम्मान करना सिखाया जाता है।
हर दिन की शुरुआत विद्यालय में प्रार्थना सभा (Morning Assembly) से होती है। इस दौरान बच्चे सामूहिक रूप से प्रार्थना करते हैं, अपने विचार प्रस्तुत करते हैं और राष्ट्रगान गाते हैं। यह दिनचर्या न केवल उनमें सकारात्मक सोच का संचार करती है बल्कि पूरे दिन पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के लिए उन्हें उत्साहित और प्रेरित भी करती है।
वार्षिक कार्यक्रम और उत्सव
विद्यालय में हर साल कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं –
- Annual Function (वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम)
- Sports Day (खेलकूद दिवस)
- Science Exhibition (विज्ञान प्रदर्शनी)
- National Festivals (शिक्षक दिवस, बाल दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, सरस्वती पूजा)
इन आयोजनों में बच्चे मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाते हैं। हाल ही में मनाया गया 79वाँ स्वतंत्रता दिवस इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। बच्चे देशभक्ति गीतों, नृत्यों और नाटकों में शामिल हुए। ध्वजारोहण के बाद पूरे विद्यालय में देशभक्ति की लहर दौड़ गई।
ऐसे कार्यक्रम बच्चों को आत्मविश्वास देते हैं और उन्हें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाते हैं।
विद्यार्थी जीवन और अनुभव
शिशु विकास विद्यालय पारू में विद्यार्थी जीवन बेहद संतुलित और आनंदमय है। यहाँ बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों और सामाजिक कार्यों का भी अनुभव मिलता है।
कक्षाओं में रोचक शिक्षण विधियों के कारण बच्चे पढ़ाई में सक्रिय रहते हैं। वहीं, खेल के मैदान और सांस्कृतिक गतिविधियाँ उनके व्यक्तित्व को निखारती हैं।
विद्यालय का वातावरण दोस्ताना और प्रेरणादायक है। शिक्षक बच्चों को पढ़ाई के अलावा जीवन की चुनौतियों से निपटना भी सिखाते हैं। अभिभावक अक्सर कहते हैं कि उनके बच्चे विद्यालय जाने में खुशी महसूस करते हैं – और यही किसी भी विद्यालय की असली सफलता है।
सफलता की गाथा – विद्यालय के पूर्व छात्र
शिशु विकास विद्यालय पारू की सबसे बड़ी उपलब्धि इसके पूर्व छात्रों की सफलता है। आज तक इस संस्थान से हजारों बच्चे अपनी शिक्षा पूरी करके जीवन में एक मजबूत मुकाम हासिल कर चुके हैं।
विविध क्षेत्रों में सफलता
इस विद्यालय के पूर्व छात्र आज विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं:
सरकारी सेवाओं में योगदान
अनेक छात्र सरकारी नौकरियों में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं और देश सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं।
निजी क्षेत्र में उत्कृष्टता
प्राइवेट सेक्टर में भी इस स्कूल के छात्र अपनी मेहनत और योग्यता के बल पर अच्छे पदों पर काम कर रहे हैं।
आईटी और तकनीकी क्षेत्र में महारत
आधुनिक युग की मांग के अनुसार, कई पूर्व छात्रों ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की है और तकनीकी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।
वैश्विक स्तर पर सफलता
सबसे गर्व की बात यह है कि इस विद्यालय के कई छात्र देश-विदेश में भी अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प के साथ उच्च पदों पर पहुंचे हैं। ये सफलताएं न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाती हैं बल्कि विद्यालय और पारू प्रखंड का नाम भी पूरी दुनिया में रोशन करती हैं।
सफलता का मूल मंत्र
इन सभी उपलब्धियों के पीछे विद्यालय की मजबूत शैक्षणिक नींव, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नैतिक मूल्यों का संयोजन है। यहां के छात्रों में जो आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत की भावना विकसित होती है, वही उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
यह सफलता की कहानी साबित करती है कि सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन मिले तो हर बच्चा अपने सपनों को साकार कर सकता है।
भविष्य की योजनाएँ और दृष्टि
1997 से अब तक विद्यालय ने बहुत प्रगति की है, लेकिन आने वाले समय के लिए भी इसकी बड़ी योजनाएँ हैं।
- Smart Classes और Digital Education की शुरुआत
- Computer Labs और e-Library की स्थापना
- Career Counseling Sessions और Skill Development Workshops
- खेल सुविधाओं का विस्तार और राज्य/राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में बच्चों को शामिल करना
विद्यालय का लक्ष्य है कि पारू और मुज़फ़्फ़रपुर क्षेत्र के बच्चों को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध हो और वे देश-विदेश में अपना नाम रोशन करें।
विद्यालय का पता और पहुँच
यह स्थान पारू और आसपास के गाँवों के विद्यार्थियों के लिए बहुत सुविधाजनक है। विद्यालय मुख्य सड़क पर होने के कारण यहाँ पहुँचना आसान है। स्थानीय परिवहन की सुविधा होने से बच्चों को स्कूल आने-जाने में कोई दिक़्क़त नहीं होती।
School Name | Shishu Vikas Vidyalaya |
UDISE Code | 10140313622 |
Established | 1997 |
Founder | Mr. Ranjeet Kumar |
Head Master | Mr. Ranjeet Kumar |
Classes | Play to 8th Standard |
Address | Kachahari Road, Paroo, Muzaffarpur, Bihar – 843112 |
Google Map Location | https://share.google/MJSomTNC8isQx7DGB |
Mobile Number | 9934 8332 67 |
School Van/Bus Facilities | Yes |
विद्यालय का पता है –
📍 Kachahari Road, Paroo, Muzaffarpur, Bihar – 843112
स्थान की दृष्टि से यह विद्यालय माता-पिता के लिए भी सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प है। यही कारण है कि हर साल यहाँ बच्चों के नामांकन में वृद्धि होती जा रही है।
निष्कर्ष
शिशु विकास विद्यालय, पारू शिक्षा का वह दीपक है जो 1997 से बच्चों के जीवन को रोशन कर रहा है। Head Master रंजीत कुमार और समर्पित अनुभवी शिक्षक स्टाफ और व्यापक पाठ्यक्रम, आधुनिक शिक्षा पद्धति के साथ यह विद्यालय बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रख रहा है। यह संस्थान गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक और मध्य शिक्षा के माध्यम से भावी पीढ़ी के निर्माण में योगदान दे रहा है। यहाँ शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुशासन, संस्कार और सांस्कृतिक विकास पर भी उतना ही जोर दिया जाता है। हाल ही में आयोजित 79वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह इसकी जीवंत झलक पेश करता है।
यदि आप अपने बच्चों के लिए ऐसा विद्यालय चाहते हैं जहाँ शिक्षा के साथ मूल्य और संस्कार भी सिखाए जाएँ, तो Shishu Vikas Vidyalaya, Kachahari Road, Paroo, Muzaffarpur, Bihar – 843112 (Phone: +91- 9934 8332 67) सबसे अच्छा विकल्प है।